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Shrimad Bhagwat Katha by Sanjeev Krishna Thakur Ji in June 2015 at Jaipur, Rajasthan

Jaipur, Rajasthan (27 June 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Jaipur, Rajasthan (28 June 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Jaipur, Rajasthan (29 June 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Jaipur, Rajasthan (30 June 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Jaipur, Rajasthan (1 July 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Jaipur, Rajasthan (2 July 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Jaipur, Rajasthan (3 July 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]



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राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,

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शैलपुत्री माँ, ब्रह्मचारिणी
चंद्रघटा, कात्यायनी माँ
दुखड़े सभी पल में मिट जाते,
मुझको तेरे दर्शन हो जाते,
सुन गौरा तेरे, मायके का हाल,
तेरा मायका कमाल, तेरा मायका कमाल
भोले ओ भोले,
क्या खता है‚ ये बता दे‚
भादों की रात काली झुकी रे अंधिरिया भयो
जायो देवकी ने लाल देखो जेलन में जेलन