Shrimad Bhagwat Katha By Jaya Kishori Ji in May 2015 at Pali, Rajasthan
Contents of this list:
A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने॥
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
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लगा लो मात सीने से बरस को जाते हैं,
तुम्हारी लाडली सीता साथ लक्ष्मण भी
जैसी हम अलबेली ऐसे सैया ना मिले,
जटाधारी शंभू पति मोहि को मिले...
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम
पूजा की थाली सजाई माँ,
तेरी प्यार से ज्योत जलाई माँ...
तुम्हारी याद आती है, बताओ क्या करें