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Shreemad Bhagwat Katha By Swami Avdeshanand ji in November, 2014 at Chitrakoot

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 1)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 2)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 3)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 4)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 5)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 6)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 7)

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एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता

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ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
जो भी इसका हो जाता है,
तुम्हारी शरण मिल गयी सांवरे, तुम्हारी
हमे देखने वाला कोई ना था, तुम जो मिले ब
श्रृंगार प्यारो लागे, दरबार प्यारो
नैना निरखे बारम्बार, श्रृंगार प्यारो
खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,
आया आया बुलावा है आया,
ओ माँ शेरावाली,