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Shreemad Bhagwat Katha By Shri Abhishekji Goswami Maharaj in June 2015 at Juhu, Mumbai

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Abhishekji Goswami Maharaj - Day 1, Juhu (Mumbai)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Abhishekji Goswami Maharaj - Day 2, Juhu (Mumbai)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Abhishekji Goswami Maharaj - Day 3, Juhu (Mumbai)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Abhishekji Goswami Maharaj - Day 4, Juhu (Mumbai)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Abhishekji Goswami Maharaj - Day 5, Juhu (Mumbai)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Abhishekji Goswami Maharaj - Day 6, Juhu (Mumbai)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Abhishekji Goswami Maharaj - Day 7, Juhu (Mumbai)

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCONWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?



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हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा

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मेरे बाला जी के धाम पे आके देखलो,
संकट सबके कटे है गुण गाके देख लो,
कैसे करोगे बेडा पार हरों
राम भजन में तो भूली
क्या खिलाया जाए क्या पिलाया जाए,
बोल भोलेनाथ तुम्हें क्या भोग लगाया
लाडू चुरमा की माथे माले पड़ी,
चाल रूणीचे बाबो थारी करसी भली,
मन रोये मेरा जब भी तब ओ मेरे सांवरे,
मुझे तू नज़र आये बस तू ही नज़र आये,