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Shreemad Bhagwat Katha By Pundrik Goswami ji Maharaj in June 2015 At Salt Lake, Kolkata

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswami ji Maharaj - Day 1 (Salt Lake, Kolkata)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswami ji Maharaj - Day 2 (Salt Lake, Kolkata)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswami ji Maharaj - Day 3 (Salt Lake, Kolkata)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswami ji Maharaj - Day 4 (Salt Lake, Kolkata)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswami ji Maharaj - Day 5 (Salt Lake, Kolkata)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswami ji Maharaj - Day 6 (Salt Lake, Kolkata)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswami ji Maharaj - Day 7 (Salt Lake, Kolkata)

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy PeopleHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]



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तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी

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ना देना दोष किस्मत को विपत्ति तो सब पर
विपत्ति तो सब पर आती है, विपत्ति तो सब
ओढ़ के चुनरिया लाल,
मैया जी मेरे घर आना,
ॐ गण गणपते नमः ॐ गण गणपते नमः
गणपति बप्पा मोरया मेरे भोले का बेटा
मारी कुलदेवी ने मारी जगदंबा ने,
घणा घणा ओलमा सा,
हे लाडली राधे मेरे जीवन में,
ऐसा भी कोई शुभ दिन आवे,