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Hindi - Dainik Bhaskar Utsav - Jaipur 3rd Feb 2012 - Part 5

Power of Will (Bhagavad Gita Vol.41 & 42)

Then Mind...The Movement - GGY Vol. 47 & 48 .MPG

Connect Ourselves - Swamiji in conversation with Gouran Dhawan Lal on DD National Network

02 JOKES TO JOY

TERI

Three Realities - (Bhagavad Gita - Vol. 15 & 16)

Swami Sukhbodhananda - 3rd BCS "Session:6 Vibrant Corporate for Vibrant India"

Being Open & Centered - (Bhagavad Gita - Vol. 7 & 8)

Contents of this list:

Hindi - Dainik Bhaskar Utsav - Jaipur 3rd Feb 2012 - Part 5
Power of Will (Bhagavad Gita Vol.41 & 42)
Then Mind...The Movement - GGY Vol. 47 & 48 .MPG
73rd IRC swami sukhabodhananda Speech
Connect Ourselves - Swamiji in conversation with Gouran Dhawan Lal on DD National Network
02 JOKES TO JOY
TERI
Three Realities - (Bhagavad Gita - Vol. 15 & 16)
Swami Sukhbodhananda - 3rd BCS "Session:6 Vibrant Corporate for Vibrant India"
Being Open & Centered - (Bhagavad Gita - Vol. 7 & 8)

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मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी

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गाइये गणपति सुबहो शाम,
मंगलमूर्ति मंगलकारी,
बरसाने में अपना,
जीवन बितायेंगे,
खाटू जी में बाबा जी को देखकर,
देखकर ही देखते रह जाते हैं,
मेरा मन कैलाश करो,
भोले शंकर क्रिपा करो,
उंगली पकड़ के रोई रे कान्हा तेरी याद