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Spiritual Practice Secrets By Swami Mukundananda [ENGLISH]

Mischief of the mind [Secrets of Spiritual Practice - Part 1]

Mind is main in devotion not senses [Secrets of Spiritual Practice - Part 2]

Meditation is the most powerful way to tame the mind [Secrets of Spiritual Practice - Part 3]

Do not give up desire, desire for the Pure [Secrets of Spiritual Practice - Part 4]

Cry for the Divine Grace [Secrets of Spiritual Practice - Part 5]

Repulsion is also form of attachment [Secrets of Spiritual Practice - Part 6]

Your (God's) happiness is my happiness [Secrets of Spiritual Practice - Part 7]

What will unite me with God? [Secrets of Spiritual Practice - Part 8]

Devotion and duty can go hand in hand [Secrets of Spiritual Practice - Part 11]

Is there anything we can do to impress God? [Secrets of Spiritual Practice - Part 12]

What is the difference between Radha and Durga? [Secrets of Spiritual Practice - Part 13]

Need of a Guru [Secrets of Spiritual Practice - Part 15]

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain



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जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥

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तुम अपने रंग में रंग लो हे माँ दुर्गे
हे माँ दुर्गे हा अहा हे माँ दुर्गे,
दूर खड़े क्या देख रहे हो,
साँवलीए सरकार,
माया माया माया हरि जी मैं तो माया में
घबराये दुखों से जब तू, तेरा मन हो
प्यारे हरि हरि बोल, प्यारे हरि हरिबोल
ज्वाला तेरो धाम भवन से न्यारो,
मैया तेरो धाम भवन से न्यारो,