Shrimad Bhagwat Katha at Vrindavan by Thakurji in December 2012
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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For GodKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna BhaktiWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
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जन्म जब जेल में पाया सुदर्शन चक्र धारी
ज्ञान माता को समझाया सुदर्शन चक्र
तेरा पल पल बीता जाए,
मुख से जप ले नमः शिवाय,
अर्ज़ी ये मेरी है,
हो जाऊं मैं वैसी
हमने जग की अजब तस्वीर देखी,
एक हँसता है दस रोते हैं,
मदन गोपाल, दीन दयाल,
साँवरिया मेरो, प्यारो नन्द लाल