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Sadhvi ritambra

Bhagwat Katha By Pujya Didi Maa Sadhvi Ritambhara Ji, Una (H.P) - Day 5

Ram janmabhoomi 4th dharma sansad part 2

Pujya Didi Maa Sadhvi Ritambhara in Kashi - 29-1-15 - Part 1

Pujya Didi Maa Sadhvi Ritambhara Ji (Day 1) Devi Bhagwat Katha Indore (M.P)

Devi Bhagwat Katha - Sadhvi Ritambhara Ji || Episode 24

Pravachan Epi 5 By Didi Maa Sadhvi Ritambhara Ji

Devi Bhagwat Katha - Sadhvi Ritambhara Ji || Episode 19

Pujya Didi Maa Sadhvi Ritambhara Ji (Day 8) Devi Bhagwat Katha Indore (M.P)

Didi Maa Sadhvi Ritambara Ji Shrimad Bhagwat Katha Day 3

Tum Sath Sath Rehna Vinod Agarwal

Shri Radha Rani Braj Yatra 2009....Evening Nritya

Shree Ravi Nandan Shastri JI

Contents of this list:

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अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥

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आज की रात रूक जाना गजानन हमरी नगरिया
हमने दुअरिया पे पालकी सजाई
पांच सदी के इन्तजार को मिल कर हमे
जहां जगत में राम पधारे उसी अयोध्या
मैं भूल ना पाउँगा, तेरे दर की यादें
मैं सब को सुनाऊँगा, तेरे दर की यादें
भक्तों की हरलो सारी पीड़,
जगदम्बा मईया,
फागणिये का रंग चढ़ा फिर मस्ती बरसेगी
जहाँ है सांवरा...