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Krishna Chandrasekhar Shashtri

Vrindavan, U.P ( 04 July 2014 ) | Shrimad Bhagwat Katha | Krishna Chandra Shastri Ji

Vrindavan, U.P ( 05 July 2014 ) | Shrimad Bhagwat Katha | Krishna Chandra Shastri Ji

Vrindavan, U.P ( 06 July 2014 ) | Shrimad Bhagwat Katha | Krishna Chandra Shastri Ji

Vrindavan, U.P ( 08 July 2014 ) | Shrimad Bhagwat Katha | Krishna Chandra Shastri Ji

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Vrindavan, U.P ( 04 July 2014 ) | Shrimad Bhagwat Katha | Krishna Chandra Shastri Ji
Vrindavan, U.P ( 05 July 2014 ) | Shrimad Bhagwat Katha | Krishna Chandra Shastri Ji
Vrindavan, U.P ( 06 July 2014 ) | Shrimad Bhagwat Katha | Krishna Chandra Shastri Ji
Vrindavan, U.P ( 08 July 2014 ) | Shrimad Bhagwat Katha | Krishna Chandra Shastri Ji

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84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti



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मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो

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तेरी रहते क्यों झोली ये खाली है मां,
तू तो ममता लूटाने वाली है मां...
अरे नारी है गुण की खान कोई जानन वारो
कोई जानन वारो जाने, कोई मानन वारो जाने,
हे श्यामा गजब गाव महिनाम,
जाहि में आहाँ बिराजी मां,
मैं तो जपती हूँ हरी का नाम बिरज की
मन तो जपती हूँ कृष्ण का नाम बिरज की
ब्रज मंडल धाम घुमा दे रसिया ब्रजमंडल,
वही ब्रजमंडल जहां यमुना बहत है,