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Bhagwat by Mridul Shastri jee

tum hamare the prabhu ji(govind bhargav)

tum hamare the prabhu ji(govind bhargav)

Ganga Gomukh Se Gangasagar Tak

SANSKAR LIVE - SHRI KRISHNA CHANDRA SHASTRI - SHRIMAD BHAGVAT KATHA (DELHI) - DAY 2

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SANSKAR LIVE - SHRI KRISHNA CHANDRA SHASTRI - SHRIMAD BHAGVAT KATHA (DELHI) - DAY 2

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Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People



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अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया

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सेठा को यो सेठ सांवरा,
म्हारे मन ने भायो,
मुझको एहसास है तू मेरे पास है,
तू मेरा हमसफ़र सांवरे,
कबसे खड़ी हूँ थारे द्वार पे,
म्हारा खाटू वाला श्याम,
चौक पुराओ माटी रँगाओ,
आज मेरे प्रभु घर आएंगे
राम जैसा नगीना नहीं,
सारे जग की बजरिया में,