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Swami Avdheshanand Giriji - Chitrakoot

Discourse By Swami Avdheshanand Giriji at Chitrakoot

Avdheshanandji's Pravachan - Chirakoot Part 1 0f 6

Avdheshanandji's Pravachan - Chitrakoot Part 2 of 6

Avdheshanandji Pravachan - Chitrakoot Part 3 of 6

Avdheshanandji's Pravachan - Chitrakoot Part 4 of 6

Avdheshanandji's Pravachan - Chitrakoot Part 5 of 6

Avdheshanandji's Pravachan - Chitrakoot Part 6 of 6

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Discourse By Swami Avdheshanand Giriji at Chitrakoot
Avdheshanandji's Pravachan - Chirakoot Part 1 0f 6
Avdheshanandji's Pravachan - Chitrakoot Part 2 of 6
Avdheshanandji Pravachan - Chitrakoot Part 3 of 6
Avdheshanandji's Pravachan - Chitrakoot Part 4 of 6
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Avdheshanandji's Pravachan - Chitrakoot Part 6 of 6

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ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई

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चिन्तन हो सदा मेरे मन में तेरा,
चरणों में तेरे मेरा ध्यान रहे,
झंडा झूले जोगीया वे तेरा लाल गुलाबी,
झंडा झूले जोगीया वे तेरा लाल गुलाबी॥
ले लो खबर अंबे मां,
अब तो लेलो खबर अपने बच्चा की मां,
है सुखी मेरा परिवार माँ तेरे कारण,
तेरे कारण तेरे कारण मैया बस तेरे कारण,
तेरी मतलब की दुनिया से,
मैं हिम्मत हार बैठा हूँ,