Shreemad Bhagwat Katha By Swami Avdeshanand ji in November, 2014 at Haryana
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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna BhaktiWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने॥
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
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ना चाहे मन्ने धन और दौलत,
ना लालच सै कोठी का,
तू सुबह सुबह शिव पिंडी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर,
लिखे जो चिट्ठियाँ, तू सारे जग को,
पर मेरी ही मैया क्यों बारी ना आई,
बम बम भोले चले री कावड़ती
गणपती बप्पा मोरया
मंगलमूर्ति मोरया