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Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram

Contents of this list:

Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 1 - part 1
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 1 - part 2
Shri Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 1 - part 3
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 2 - part 1
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 2 - part 3
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 2 - part 4
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 3 - part 1
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 3 - part 2
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 3 - part 3
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 4 - part 1
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 4 - part 2
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 5 - part 1
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 5 - part 2
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 5 - part 3
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 6 - part 1
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 6 - part 2
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 6 - part 3
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 7 - part 1
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 7 - part 2
Ramkatha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj in Rameshwaram - Day 7 - part 3

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कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार

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मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
वन वन फिरत अकेले राम अपना नहीं कोई...
तन मन से बोलो यह छोटा सा नाम,
श्री राम जय राम जय जय राम...
वे मनमोहिनया हारावाले वे तु कदो
तेरा विच वृन्दावन डेरा वे तु कदो
मेरे बिगड़े, बना दो काज़,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,