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गायत्री मन्त्रकी शक्तिसे कार्यमें सफलता

घटना कई वर्ष पूर्वकी है। मेरे पुत्रका इंजीनियरिंग कालेजमें प्रवेश न होनेपर मैं उसे एक सामान्य से डिग्री कालेजमें भर्ती करा चुका था। प्रवेशके करीब डेढ़ माह पश्चात् टेलीग्राम मिला कि अमुक दिनांकको इंजीनियरिंग कालेज विलासपुरमें उपस्थित हों। मैं अपने पुत्रको लेकर विलासपुर पहुँचा। जैसे ही हम कालेज पहुँचे तो पता चला कि वहाँ 'अ' तथा 'ब' दो सूचियाँ लगी हैं। 'अ' सूचीमें उन विद्यार्थियोंके नाम थे, जिनको निश्चितरूपसे प्रविष्ट कर लेना था, दूसरी सूची 'व' प्रोविजनलवाली थी, जिसमें उल्लेख था कि जगह खाली होनेपर प्रवेश दिया जायगा। पहली सूचीमें दस संख्या थी तथा दूसरीमेंनौ। मेरे पुत्रका नम्बर दूसरी लिस्टमें आठवें स्थानपर था,

जब कि कालेजमें कुल केवल १४ स्थान रिक्त थे । यह सूचना मिलते ही मैं तो सन्न रह गया। साथ ही निराश-सा होने लगा। प्रवेश न मिलनेपर पुनः वापस आकर किसी अन्य कालेजमें भर्ती होना भी सम्भव न दीखता था। दूसरे, पासके यदि किसी अन्य कालेजमें प्रवेश मिल भी जाता तो भी इस आर्थिक दुरवस्थामें दो व्यक्तियोंके आने-जानेका लगभग दो सौ रुपयोंका नुकसान तो हो ही जाता। मेरा पुत्र भी निराश हो चुपचाप खड़ा था । अन्तमें किंकर्तव्यविमूढ़ हो मैं मन ही मन गायत्री मन्त्रका जप करने लगा। मन-ही-मनप्रार्थना भी करने लगा-'हे, गायत्री माँ! अब तो आप ही एकमात्र सहायिका हैं। आप ही हमारी समस्या हल कर सकती हैं। हमारी रक्षा करें।'

इतनेमें कालेजके प्रोफेसरने आकर बताया कि प्रथम वर्षके ५ छात्र यहाँसे रायपुर जा चुके हैं। अतः हम 'अ' तथा 'ब' सूचीके सभी छात्रोंको प्रविष्ट कर दे रहे हैं। यह सूचना सुन करके हमारी प्रसन्नताका पारावार न रहा। हर्षके आवेगसे तथा माँ गायत्रीकी कृपाका प्रत्यक्ष अनुभवकर आनन्दाश्रु बह चले। मैंरोमांचित होकर मन-ही-मन अनेक बार गायत्रीमाताको प्रणाम करता रहा।

कहनेकी आवश्यकता नहीं कि मेरे पुत्रको प्रवेश मिल चुका था। मैं रास्तेभर माँका स्मरण करता हुआ अपने गाँव शामगढ़ लौट आया। धन्य हैं, माता गायत्री ! जब आपकी स्मृतिसे ही पूर्णकामता प्राप्त हो जाती है। फिर आपकी विधिपूर्वक सांगोपांग उपासनासे तो सांसारिक जटिलताओं से मुक्ति भी प्राप्त हो सकती है।

[ श्रीरामप्रतापजी व्यास ]



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gaayatree mantrakee shaktise kaaryamen saphalataa

ghatana kaee varsh poorvakee hai. mere putraka injeeniyaring kaalejamen pravesh n honepar main use ek saamaany se digree kaalejamen bhartee kara chuka thaa. praveshake kareeb dedha़ maah pashchaat teleegraam mila ki amuk dinaankako injeeniyaring kaalej vilaasapuramen upasthit hon. main apane putrako lekar vilaasapur pahunchaa. jaise hee ham kaalej pahunche to pata chala ki vahaan 'a' tatha 'ba' do soochiyaan lagee hain. 'a' soocheemen un vidyaarthiyonke naam the, jinako nishchitaroopase pravisht kar lena tha, doosaree soochee 'va' provijanalavaalee thee, jisamen ullekh tha ki jagah khaalee honepar pravesh diya jaayagaa. pahalee soocheemen das sankhya thee tatha doosareemennau. mere putraka nambar doosaree listamen aathaven sthaanapar tha,

jab ki kaalejamen kul keval 14 sthaan rikt the . yah soochana milate hee main to sann rah gayaa. saath hee niraasha-sa hone lagaa. pravesh n milanepar punah vaapas aakar kisee any kaalejamen bhartee hona bhee sambhav n deekhata thaa. doosare, paasake yadi kisee any kaalejamen pravesh mil bhee jaata to bhee is aarthik duravasthaamen do vyaktiyonke aane-jaaneka lagabhag do sau rupayonka nukasaan to ho hee jaataa. mera putr bhee niraash ho chupachaap khaड़a tha . antamen kinkartavyavimoodha़ ho main man hee man gaayatree mantraka jap karane lagaa. mana-hee-manapraarthana bhee karane lagaa-'he, gaayatree maan! ab to aap hee ekamaatr sahaayika hain. aap hee hamaaree samasya hal kar sakatee hain. hamaaree raksha karen.'

itanemen kaalejake prophesarane aakar bataaya ki pratham varshake 5 chhaatr yahaanse raayapur ja chuke hain. atah ham 'a' tatha 'ba' soocheeke sabhee chhaatronko pravisht kar de rahe hain. yah soochana sun karake hamaaree prasannataaka paaraavaar n rahaa. harshake aavegase tatha maan gaayatreekee kripaaka pratyaksh anubhavakar aanandaashru bah chale. mainromaanchit hokar mana-hee-man anek baar gaayatreemaataako pranaam karata rahaa.

kahanekee aavashyakata naheen ki mere putrako pravesh mil chuka thaa. main raastebhar maanka smaran karata hua apane gaanv shaamagadha़ laut aayaa. dhany hain, maata gaayatree ! jab aapakee smritise hee poornakaamata praapt ho jaatee hai. phir aapakee vidhipoorvak saangopaang upaasanaase to saansaarik jatilataaon se mukti bhee praapt ho sakatee hai.

[ shreeraamaprataapajee vyaas ]

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