⮪ All भगवान की कृपा Experiences

गंगामाताकी कृपा

यह घटना सन् १९६६ ई० की है। मैं अपनी धर्मपत्नीके साथ महाकुम्भके अवसरपर प्रयाग गया था। अजमेरके कुछ साथियोंके साथ मैं झूसीमें एक तम्बूमें ठहरा था। दो दिनके बाद मेरी धर्मपत्नी लगभग आधीरातको दो बजे प्रातः कालका समय जानकर स्नानके लिये अकेले ही निकल पड़ी और रास्ता भूलकर ऐसे स्थानपर स्नानके लिये पहुँची, जहाँ अथाह जल था। उस स्थानपर उसे पहलेसे ही उपस्थित दो स्त्रियाँ दिखायी दीं। उन्हें देखकर ही उसने उस स्थानपर स्नान करनेका विचार किया। रातके धुँधलेपनमें मेरी पत्नीने देखा कि उनमें एक स्त्रीके सफेद वस्त्र थे और दूसरीके नीले। उस स्थानपर पानीमें एक मजबूत रस्सा लटक रहा था, जिसे पकड़कर मेरी पत्नीने अपना एक पैर पानीपर रखा, पर उसे जमीन नहीं मिली। जमीन मिल जानेकी आशासे उसने अपना दूसरा पैर भी पानीमें डाल दिया, फिर भी जमीन नहीं मिली। फलतः घबड़ाकर वह रस्सेको दोनों हाथोंसे पकड़कर पानीपर चित लेट गयी और गंगामातासे प्रार्थना करने लगी। उन दोनों स्त्रियोंने जिसे मेरी धर्मपत्नीने गंगा और यमुना माना था, उसी समय हाथके तनिक इशारेसे पानीसे बाहर निकाल लिया। मेरी पत्नीने उन्हें प्रणाम किया और वे बिना कुछ बोले अदृश्य हो गयीं। आधी रातके समय उन दो स्त्रियोंका उस एकान्त स्थानपर मिलना और जीवन-रक्षा करना तथा फिर एकाएक अदृश्य हो जाना - यह एक आश्चर्यजनक बात ही थी। सचमुच उन गंगा-यमुना-रूप दो देवियोंने ही कृपाकर मेरी पत्नीको प्राणदान दिया था। वापस आकर जब मेरी स्त्रीने वह घटना सुनायी तो सभी लोगोंका माथागंगामाताका नाम लेकर श्रद्धासे झुक गया।

ऐसी ही एक घटना और है। मैं स्वयं भी तीव्र गठिया रोगसे पीड़ित था और मेरी चिकित्सा कर रहे चिकित्सकोंने मुझे कुम्भ-स्नानके लिये जानेसे मना किया और बताया कि सर्दीका मौसम, ठण्डी हवा और ठण्डा जल-ये सब बीमारीको बढ़ानेवाले हैं। लेकिन मैंने उनसे कहा कि गंगा पापनाशिनी हैं, सभी रोग शोकोंको दूरकर सुख-सम्पत्ति प्रदान करनेवाली हैं। इसपर एक चिकित्सक बोले- इस भौतिक युगमें आप कैसी बातें करते हैं? इन बातोंपर कौन विश्वास करेगा ? दूसरे चिकित्सकने कहा कि 'आपको गंगापर इतना विश्वास है तो चले जाइये।' खैर, फिर मैं कुछ बोला नहीं और दैनिक प्रयोगमें ली जा रही दवाओंको साथ लेकर प्रयाग कुम्भमें जा पहुँचा। किसी अज्ञात प्रेरणावश मैंने दवाओंका बिलकुल प्रयोग नहीं किया। मेरे अन्तरमें श्रद्धाका संबल प्रबल वेगसे हिलोरें ले रहा था। मैं गंगाके शीतल, निर्मल जलमें स्नानके अतिरिक्त वहाँके मैदानकी मुलायम तर मिट्टीपर भी नंगे पैर चलता था। अजमेरमें जबकि मुझे एक फर्लांग भी चलनेके बाद विश्रामके लिये बैठना पड़ता था, किंतु प्रयागमें मैं नंगे पाँव एक मीलसे भी अधिक आरामसे चल लेता था । मुझे ऐसा लगने लगा कि गंगामाताकी कृपासे मेरा रोग भी दूर हो रहा है। यह निःसन्देह आश्चर्यजनक ही था। कुम्भसे वापस लौटनेपर मैंने यह घटना एक परिचित सन्तको सुनायी तो उन्होंने कहा कि 'जब आपने गंगामातापर इतना विश्वास रखा तो उन्हें भी तो अपना विरद रखना था।'

[ श्रीवृषभानजी ओझा ]



You may also like these:

Real Life Experience प्रभु दर्शन


gangaamaataakee kripaa

yah ghatana san 1966 ee0 kee hai. main apanee dharmapatneeke saath mahaakumbhake avasarapar prayaag gaya thaa. ajamerake kuchh saathiyonke saath main jhooseemen ek tamboomen thahara thaa. do dinake baad meree dharmapatnee lagabhag aadheeraatako do baje praatah kaalaka samay jaanakar snaanake liye akele hee nikal pada़ee aur raasta bhoolakar aise sthaanapar snaanake liye pahunchee, jahaan athaah jal thaa. us sthaanapar use pahalese hee upasthit do striyaan dikhaayee deen. unhen dekhakar hee usane us sthaanapar snaan karaneka vichaar kiyaa. raatake dhundhalepanamen meree patneene dekha ki unamen ek streeke saphed vastr the aur doosareeke neele. us sthaanapar paaneemen ek majaboot rassa latak raha tha, jise pakada़kar meree patneene apana ek pair paaneepar rakha, par use jameen naheen milee. jameen mil jaanekee aashaase usane apana doosara pair bhee paaneemen daal diya, phir bhee jameen naheen milee. phalatah ghabada़aakar vah rasseko donon haathonse pakada़kar paaneepar chit let gayee aur gangaamaataase praarthana karane lagee. un donon striyonne jise meree dharmapatneene ganga aur yamuna maana tha, usee samay haathake tanik ishaarese paaneese baahar nikaal liyaa. meree patneene unhen pranaam kiya aur ve bina kuchh bole adrishy ho gayeen. aadhee raatake samay un do striyonka us ekaant sthaanapar milana aur jeevana-raksha karana tatha phir ekaaek adrishy ho jaana - yah ek aashcharyajanak baat hee thee. sachamuch un gangaa-yamunaa-roop do deviyonne hee kripaakar meree patneeko praanadaan diya thaa. vaapas aakar jab meree streene vah ghatana sunaayee to sabhee logonka maathaagangaamaataaka naam lekar shraddhaase jhuk gayaa.

aisee hee ek ghatana aur hai. main svayan bhee teevr gathiya rogase peeda़it tha aur meree chikitsa kar rahe chikitsakonne mujhe kumbha-snaanake liye jaanese mana kiya aur bataaya ki sardeeka mausam, thandee hava aur thanda jala-ye sab beemaareeko badha़aanevaale hain. lekin mainne unase kaha ki ganga paapanaashinee hain, sabhee rog shokonko doorakar sukha-sampatti pradaan karanevaalee hain. isapar ek chikitsak bole- is bhautik yugamen aap kaisee baaten karate hain? in baatonpar kaun vishvaas karega ? doosare chikitsakane kaha ki 'aapako gangaapar itana vishvaas hai to chale jaaiye.' khair, phir main kuchh bola naheen aur dainik prayogamen lee ja rahee davaaonko saath lekar prayaag kumbhamen ja pahunchaa. kisee ajnaat preranaavash mainne davaaonka bilakul prayog naheen kiyaa. mere antaramen shraddhaaka sanbal prabal vegase hiloren le raha thaa. main gangaake sheetal, nirmal jalamen snaanake atirikt vahaanke maidaanakee mulaayam tar mitteepar bhee nange pair chalata thaa. ajameramen jabaki mujhe ek pharlaang bhee chalaneke baad vishraamake liye baithana pada़ta tha, kintu prayaagamen main nange paanv ek meelase bhee adhik aaraamase chal leta tha . mujhe aisa lagane laga ki gangaamaataakee kripaase mera rog bhee door ho raha hai. yah nihsandeh aashcharyajanak hee thaa. kumbhase vaapas lautanepar mainne yah ghatana ek parichit santako sunaayee to unhonne kaha ki 'jab aapane gangaamaataapar itana vishvaas rakha to unhen bhee to apana virad rakhana thaa.'

[ shreevrishabhaanajee ojha ]

68 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome PainWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God



Bhajan Lyrics View All

दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला

New Bhajan Lyrics View All

ओ बाबोसा चुरू वाले, मेरा जीवन तेरे
मुझे अब तो गले लगाले,
खाटु जी दरबार गया मैं,
अजब नजारा देखा,
पूजा की थाली सजाई माँ,
तेरी प्यार से ज्योत जलाई माँ...
सावन की बरसै रिमझिम फुंहार,
पेड़ों पे झूलो की लगी कतार,
श्याम बड़ा छलिया बची रहियो गोरी,
बची रहियो गोरी, छुपी रहियो गोरी,