⮪ All भगवान की कृपा Experiences

ईश्वर तो है न!

मैं और रामू मित्र थे। उस समय शायद हम आठवें दर्जे में पढ़ते थे। मुझे चित्र आँकनेका कुछ शौक था। कक्षामें एक ही बेंचपर हम दोनों बैठते थे। जबतक शिक्षक कक्षामें नहीं आते, तबतक कई बार मैं चालू कक्षामें एक रफ नोट-बुकमें कुछ भी आँकता रहता। रामूकी रफ नोट बुक में मैंने गायत्री मन्त्र लिख दिया। उस समय रातको सोते समय गायत्री मन्त्र उच्चारण करनेकी मेरी आदत थी।

रामू मैट्रिककी परीक्षाके बाद अपनी दूकानपर बैठने लगा। दूकान अच्छी चलती थी। मैं भी कभी-कभी उसकी दूकानपर जाकर बैठता।

रामूका कुटुम्ब बड़ा था। उसके बड़े भाई विवाहितथे। अब रामूका विवाह हुआ। 'जर, जमीन, जोरू 'को झगड़ेकी जड़ बताया जाता है। घरमें स्त्रियोंकी अनबनके कारण इन दोनों भाइयोंके मन भी खट्टे हो गये। दोनों समझदार थे, किंतु विवश थे। दोनों भाइयोंने अलग-अलग होनेका निश्चय किया और अलग हो गये। रामूको इससे बड़ा मानसिक आघात लगा। बड़े भाई भी इस आघातसे बचे नहीं थे। अब भी रामू उदास होकर दूकानपर बैठा रहता। अन्तमें इस मानसिक संघर्षसे बचनेके लिये उसने आत्महत्याका निश्चय किया। शामको घर जाकर वह अपनी चीजोंको उलट-पलट रहा था कि उसे मेरे अंकित किये हुए कुछ चित्र तथा गायत्री-मन्त्र लिखा हुआ रफनोट मिला। उसने उसको पढ़ा और एक दृढ़ निश्चयके साथ उसके मनको आश्वासन मिला 'ईश्वर तो है न, फिर क्या चिन्ता है ?"

गायत्री मन्त्र बुद्धिको प्रकाशित करनेवाला मन्त्र है रामूकी बुद्धिमें भी प्रकाश आया। उसके विचारोंमें परिवर्तन हो गया। उसने शान्तिकी गहरी साँस ली और आत्महत्याका विचार उसके मनसे निकल गया।

जब ईश्वरीय शक्ति काम करती है तो बहुत-सी लड़ियाँ अपने-आप जुड़ जाती हैं। रामूके जीवनमें दूसरी आश्चर्यजनक घटना यह हुई कि दोनों भाई बहुत थोड़े दिनोंमें ही फिरसे शामिल हो गये, मानो एक भारीबोझके उतर जानेसे हलके हो गये। दोनों भाई शामिल हो गये, तब मैं रामूसे मिलने गया। ‘शामिल हो गये— बहुत अच्छा किया।' ऐसा - कहकर मैंने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की । तब रामूने उपर्युक्त सारी बातें बतायीं । सुनकर मैं तो आश्चर्यचकित हो गया। मुझे लगा कि ईश्वरकी कोई गुप्त शक्ति मनुष्यपर प्रतिक्षण कृपा बरसा रही है । प्रकाशकी वर्षा निरन्तर होती ही रहती है । हमारे ऋषिगण प्रकाशसे प्रार्थना करते

'आविरावीर्म एधि' 'हे प्रकाश ! तू मेरे सामने प्रकट हो ।'

[ श्रीराजेन्द्रसिंहजी रायजादा ]



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eeshvar to hai na!

main aur raamoo mitr the. us samay shaayad ham aathaven darje men padha़te the. mujhe chitr aankaneka kuchh shauk thaa. kakshaamen ek hee benchapar ham donon baithate the. jabatak shikshak kakshaamen naheen aate, tabatak kaee baar main chaaloo kakshaamen ek raph nota-bukamen kuchh bhee aankata rahataa. raamookee raph not buk men mainne gaayatree mantr likh diyaa. us samay raatako sote samay gaayatree mantr uchchaaran karanekee meree aadat thee.

raamoo maitrikakee pareekshaake baad apanee dookaanapar baithane lagaa. dookaan achchhee chalatee thee. main bhee kabhee-kabhee usakee dookaanapar jaakar baithataa.

raamooka kutumb bada़a thaa. usake bada़e bhaaee vivaahitathe. ab raamooka vivaah huaa. 'jar, jameen, joroo 'ko jhagada़ekee jada़ bataaya jaata hai. gharamen striyonkee anabanake kaaran in donon bhaaiyonke man bhee khatte ho gaye. donon samajhadaar the, kintu vivash the. donon bhaaiyonne alaga-alag honeka nishchay kiya aur alag ho gaye. raamooko isase bada़a maanasik aaghaat lagaa. bada़e bhaaee bhee is aaghaatase bache naheen the. ab bhee raamoo udaas hokar dookaanapar baitha rahataa. antamen is maanasik sangharshase bachaneke liye usane aatmahatyaaka nishchay kiyaa. shaamako ghar jaakar vah apanee cheejonko ulata-palat raha tha ki use mere ankit kiye hue kuchh chitr tatha gaayatree-mantr likha hua raphanot milaa. usane usako padha़a aur ek driढ़ nishchayake saath usake manako aashvaasan mila 'eeshvar to hai n, phir kya chinta hai ?"

gaayatree mantr buddhiko prakaashit karanevaala mantr hai raamookee buddhimen bhee prakaash aayaa. usake vichaaronmen parivartan ho gayaa. usane shaantikee gaharee saans lee aur aatmahatyaaka vichaar usake manase nikal gayaa.

jab eeshvareey shakti kaam karatee hai to bahuta-see lada़iyaan apane-aap juda़ jaatee hain. raamooke jeevanamen doosaree aashcharyajanak ghatana yah huee ki donon bhaaee bahut thoda़e dinonmen hee phirase shaamil ho gaye, maano ek bhaareebojhake utar jaanese halake ho gaye. donon bhaaee shaamil ho gaye, tab main raamoose milane gayaa. ‘shaamil ho gaye— bahut achchha kiyaa.' aisa - kahakar mainne apanee prasannata vyakt kee . tab raamoone uparyukt saaree baaten bataayeen . sunakar main to aashcharyachakit ho gayaa. mujhe laga ki eeshvarakee koee gupt shakti manushyapar pratikshan kripa barasa rahee hai . prakaashakee varsha nirantar hotee hee rahatee hai . hamaare rishigan prakaashase praarthana karate

'aaviraaveerm edhi' 'he prakaash ! too mere saamane prakat ho .'

[ shreeraajendrasinhajee raayajaada ]

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