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अकारण कारुण्य

सन् १९३१ या ३२में श्रीसुदर्शनसिंहजी 'चक्र' मेरे साथ घरपर रहा करते थे। प्राकृतिक चिकित्सामें | उनकी विशेष रुचि थी। एक बार मुझे पित्तके प्रकोपसे ज्वर आ गया। तीन-चार दिनतक वह लगभग १०३ डिग्रीके आस-पास रहा। जब मैं बेसुध हो गया तो 'चक्र' जीने मेरा शरीर पानीके टबमें बैठा दिया। मैंन | देखा कि एक भयंकर स्त्री-मूर्ति बाल बिखेरे हाथमें तलवार लिये चीखती हुई मुझे मारने दौड़ी आ रही है। बेहोशीमें भी मैं बहुत डरा नहीं। महात्माओंके सत्संगसे मुझे इतना संस्कार मिल गया था कि मौत आती है, शरीरको मारती भी है, परंतु जीवात्माकी अमरताको देखते हुए उससे डरना व्यर्थ है। मैं चुपचाप बेहोशी में पड़ा रहा। उसी समय स्वर्णपर्वतके समान विशाल गिरिधारी हनुमान् गदा घुमाते हुए प्रकट हुए और मृत्युको भगाकर स्वयं अदृश्य हो गये। आश्चर्य यह है कि उसके बाद जब मैं होशमें आया तो वर सर्वथा उत्तर गया था और मस्तिष्क में विश्राम एवं शरीरमें बलका अनुभव हो रहा था। बेसुध दशामें ऐसी वृत्तिका आना मेरे पौरुषसाधनका फल नहीं था, निश्चय ही देवताके अकारण कारुण्यसे ही तादृश परिणाम हुआ था।

यं तु रक्षितुमिच्छन्ति सुबुद्ध्या योजयन्ति तम् ।

यह प्राचीन उक्ति सर्वथा सत्य है।


[स्वामी श्रीअखण्डानन्दजी सरस्वती ]



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akaaran kaarunya

san 1931 ya 32men shreesudarshanasinhajee 'chakra' mere saath gharapar raha karate the. praakritik chikitsaamen | unakee vishesh ruchi thee. ek baar mujhe pittake prakopase jvar a gayaa. teena-chaar dinatak vah lagabhag 103 digreeke aasa-paas rahaa. jab main besudh ho gaya to 'chakra' jeene mera shareer paaneeke tabamen baitha diyaa. mainn | dekha ki ek bhayankar stree-moorti baal bikhere haathamen talavaar liye cheekhatee huee mujhe maarane dauda़ee a rahee hai. behosheemen bhee main bahut dara naheen. mahaatmaaonke satsangase mujhe itana sanskaar mil gaya tha ki maut aatee hai, shareerako maaratee bhee hai, parantu jeevaatmaakee amarataako dekhate hue usase darana vyarth hai. main chupachaap behoshee men pada़a rahaa. usee samay svarnaparvatake samaan vishaal giridhaaree hanumaan gada ghumaate hue prakat hue aur mrityuko bhagaakar svayan adrishy ho gaye. aashchary yah hai ki usake baad jab main hoshamen aaya to var sarvatha uttar gaya tha aur mastishk men vishraam evan shareeramen balaka anubhav ho raha thaa. besudh dashaamen aisee vrittika aana mere paurushasaadhanaka phal naheen tha, nishchay hee devataake akaaran kaarunyase hee taadrish parinaam hua thaa.

yan tu rakshitumichchhanti subuddhya yojayanti tam .

yah praacheen ukti sarvatha saty hai.


[svaamee shreeakhandaanandajee sarasvatee ]

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