⮪ All भक्त चरित्र

रामभक्त कम्बर् की मार्मिक कथा
रामभक्त कम्बर् की अधबुत कहानी - Full Story of रामभक्त कम्बर् (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [रामभक्त कम्बर्]- भक्तमाल


भगवान् श्रीरामका कथामृत रसास्वादन सर्वथा वैदिक होते हुए भी इतनी सीमातक लोकगत हो चला है कि जीवका भक्तरूप श्रीरामका गुण गाये बिना शान्तिकी वास्तविक अनुभूति ही नहीं कर सकता। गङ्गा, यमुना, नर्मदा, माही और कृष्णा, कावेरी तथा गोदावरीके पवित्र तटके मानवोंने समय-समयपर भगवान् श्रीरामके पवित्र चरित्रका जो बखान किया है, वह भारतीय संस्कृतिकी अविच्छिन्नता अथवा एकताका साहित्यिक और ऐतिहासिक प्रतीक है।

महाकवि कम्बर् श्रीरामके यशोगायक थे। जिस समय दसवीं और ग्यारहवीं सदीके दक्षिण भारतमें धार्मिक पुनरुत्थान हो रहा था, उनकी काव्य-भारतीने धर्म-विग्रह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्रीरामके ऐश्वर्यको अपनाया था।

कम्बर् नवीं सदीके परम रामभक्त और यशस्वी कवि थे। चोळराज्यके तिरुवळुन्दूर नगरमें उनका जन्म हुआ था। उनके पिताका नाम आदवन् था। वे राजपुरोहित थे। बचपनसे ही कम्बर में श्रीरामके प्रति दृढ़ अनुराग था, अडिग भक्ति भी। प्रसिद्ध वैष्णव कवि और संत नम्माळवार उनके गुरु थे। कम्बरने गुरुकी कृपा औरभगवानकी भक्तिसे काव्य स्फूर्ति पाकर प्रसिद्ध काम्बरामायणकी रचना की। ठीक पाँच सालके बाद सन् 885 ई0 में फाल्गुन पूर्णिमाको श्रीरङ्गनकी साहित्य सभाने काम्बरामायणको मान्यता प्रदान की। उसने रामभक्त कम्बरको कविचक्रवर्तीकी उपाधिसे समलङ्कृत किया। चोळ और चेरसम्राट् उनका बड़ा सम्मान करते थे और सदा श्रद्धाकी दृष्टिसे देखते थे।

राम-यश-कीर्तनकी प्रतिभा बड़े भाग्यसे मिलती है। उन्होंने काम्बरामायणमें आदिसे अन्ततक रावणके विनाशको ही पवित्र उद्देश्य रखा है। कम्बरने श्रीरामके द्वारा रावणके अन्तका स्मरण काव्यके प्रत्येक महत्त्वपूर्ण स्थलपर कराया है। कम्बरने घटनावर्णनमें वाल्मीकिका ही अनुसरण किया है, पर कहीं-कहीं भक्तहृदयकी विलक्षण अनुभूति, अपनी विचित्र काव्यशैली और प्रतिभाके कारण अत्यन्त मौलिक हो गये हैं। चरित्र चित्रणमें उन्होंने दैवीसम्पत्तिकी सराहना और आसुरी सम्पत्तिकी निन्दा की है। कम्बरने दया, प्रेम और अहिंसाके वशीभूत होकर अपनी रामायणमें कहीं शास्त्र नियमका उल्लङ्घन नहीं होने दिया है। कम्बर् परम रामभक्त, यशस्वी कवि और महान् भगवदीय थे।



You may also like these:



raamabhakt kambar ki marmik katha
raamabhakt kambar ki adhbut kahani - Full Story of raamabhakt kambar (hindi)

[Bhakt Charitra - Bhakt Katha/Kahani - Full Story] [raamabhakt kambar]- Bhaktmaal


bhagavaan shreeraamaka kathaamrit rasaasvaadan sarvatha vaidik hote hue bhee itanee seemaatak lokagat ho chala hai ki jeevaka bhaktaroop shreeraamaka gun gaaye bina shaantikee vaastavik anubhooti hee naheen kar sakataa. ganga, yamuna, narmada, maahee aur krishna, kaaveree tatha godaavareeke pavitr tatake maanavonne samaya-samayapar bhagavaan shreeraamake pavitr charitraka jo bakhaan kiya hai, vah bhaarateey sanskritikee avichchhinnata athava ekataaka saahityik aur aitihaasik prateek hai.

mahaakavi kambar shreeraamake yashogaayak the. jis samay dasaveen aur gyaarahaveen sadeeke dakshin bhaaratamen dhaarmik punarutthaan ho raha tha, unakee kaavya-bhaarateene dharma-vigrah maryaada purushottam bhagavaan shreeraamake aishvaryako apanaaya thaa.

kambar naveen sadeeke param raamabhakt aur yashasvee kavi the. cholaraajyake tiruvalundoor nagaramen unaka janm hua thaa. unake pitaaka naam aadavan thaa. ve raajapurohit the. bachapanase hee kambar men shreeraamake prati dridha़ anuraag tha, adig bhakti bhee. prasiddh vaishnav kavi aur sant nammaalavaar unake guru the. kambarane gurukee kripa aurabhagavaanakee bhaktise kaavy sphoorti paakar prasiddh kaambaraamaayanakee rachana kee. theek paanch saalake baad san 885 ee0 men phaalgun poornimaako shreeranganakee saahity sabhaane kaambaraamaayanako maanyata pradaan kee. usane raamabhakt kambarako kavichakravarteekee upaadhise samalankrit kiyaa. chol aur cherasamraat unaka bada़a sammaan karate the aur sada shraddhaakee drishtise dekhate the.

raama-yasha-keertanakee pratibha bada़e bhaagyase milatee hai. unhonne kaambaraamaayanamen aadise antatak raavanake vinaashako hee pavitr uddeshy rakha hai. kambarane shreeraamake dvaara raavanake antaka smaran kaavyake pratyek mahattvapoorn sthalapar karaaya hai. kambarane ghatanaavarnanamen vaalmeekika hee anusaran kiya hai, par kaheen-kaheen bhaktahridayakee vilakshan anubhooti, apanee vichitr kaavyashailee aur pratibhaake kaaran atyant maulik ho gaye hain. charitr chitranamen unhonne daiveesampattikee saraahana aur aasuree sampattikee ninda kee hai. kambarane daya, prem aur ahinsaake vasheebhoot hokar apanee raamaayanamen kaheen shaastr niyamaka ullanghan naheen hone diya hai. kambar param raamabhakt, yashasvee kavi aur mahaan bhagavadeey the.

202 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love



Bhajan Lyrics View All

अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया

New Bhajan Lyrics View All

जय राम भक्त हनुमान जय पवन पुत्र हनुमान
जय राम भक्त हनुमान जय पवन पुत्र
मैया करवा चौथ मैया
मैया करवा चौथ मैया
सिर पे सजा के मोतियों का ताज,
रखने को अपने भक्तों की लाज,
मगीं मैं मुराद सदा तेरे कोलो लई ऐ,
फेर ईक वार मैनु लोड़ तेरी पई ऐ,
मेरी क़िस्मत का सितारा, आपके हाथों में
आपके हाथों में है, आपके हाथों में है...