⮪ All भक्त चरित्र

भक्तिमती वनमाला की मार्मिक कथा
भक्तिमती वनमाला की अधबुत कहानी - Full Story of भक्तिमती वनमाला (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [भक्तिमती वनमाला]- भक्तमाल


सती-साध्वी वनमाला एक भक्त नारी थीं। उनके विचार-आचार उच्चकोटिके थे, उनका जीवन पूर्णरूपसे तपोमय और महान् था। वे बिहार प्रान्तके 'छोटा नागपुर' मण्डलमें एक थानेदारके घर पैदा हुई थीं, उनका परिवार अत्यन्त धर्मनिष्ठ था, वे स्वयं बाल्यावस्थासे ही ईश्वर प्रेममें विमुग्ध रहती थीं। यथासमय उनका विवाह कर दिया गया। पति नयी रोशनीमें शिक्षित था, इसलिये वनमालाकी धर्मभीरुता और ईश्वर-निष्ठासे वह बहुत चिढ़ता था; पर साध्वी वनमाला उसे सदा ईश्वरोन्मुख करनेका प्रयत्न करती थीं। ज्यों-ज्यों वे समझाती थीं, त्यों-त्यों वह अधिकाधिक प्रतिकूल होता जाता था। उसने वनमालाको सताना आरम्भ किया, पर वनमालाने अद्भुत सहिष्णुता और विलक्षण पतिभक्तिका परिचय दिया। उनका जीवन भगवान्‌के मधुर तथा मङ्गलमय चिन्तनमें बीतने लगा।

उनके पतिने अपने क्रूर स्वभावका एक दिन बहुत बुरी तरह परिचय दिया, उसने धमकाते हुए कहा-'विपत्तिके समय ही सत्यकी परख होती है; किसी दिन तुम्हारे विपत्तिमें पड़नेपर देखूंगा कि ईश्वर किस तरह सहायता करते हैं तथा अपने भक्तोंकी मान-प्रतिष्ठा रखते हैं।' भक्तका जीवन तो अलौकिक चमत्कारों और दिव्य घटनाओंकाप्रतीक ही होता है। भगवान्ने वनमालाकी भक्तिको प्रामाणिक सिद्ध करना चाहा, पतिकी चुनौतीको सार्थक करना चाहा। उसी दिन रातको वनमालाके गृहमें आग लग गयी। वे ईश्वर-भजनमें मस्त थीं, उन्हें आग-पानीकी चिन्ता किस तरह सता सकती थी, प्रभु उनके रक्षक थे। आग इतनी भीषण और दारुण थी कि देखनेवाले दूरसे तमाशा ही देखते रह गये, उनका साहस न हुआ कि वे आग बुझायें। वनमालाको बड़ा शोक हुआ कि भगवत्-विग्रह आगमें झुलस न उठे; प्रभुको कितना कष्ट होगा और पति भी ताना मारेंगे। वे भगवान्‌की करुणाकी राह देखने लगीं। भगवान् भक्तकी पुकारपर पिघल गये। थोड़ी ही देरमें जलवृष्टि आरम्भ हुई, अग्नि देवता शान्त हुए। वनमालाने पूजाघरमें जाकर देखा कि सब कुछ स्वाहा हो चुका था, पर भगवान्‌के विग्रह और सिंहासनको आगकी लपटें छूतक न सकी थीं। लोग इस घटनासे आश्चर्यचकित होकर वनमालाकी सराहना करने लगे, उनकी जय बोलने लगे। इस घटनाका उनके पतिपर विशेष प्रभाव पड़ा, उसका हृदय बदल गया। उसने क्षमा माँगी, वह भगवान्का पूर्ण भक्त हो गया। दम्पतिने भगवान्‌के भजन-पूजन और चिन्तनमें ही अपने जीवनका शेष समय लगा दिया।



You may also like these:

Bhakt Charitra डाकू भगत
Bhakt Charitra मीराँबाई


bhaktimatee vanamaalaa ki marmik katha
bhaktimatee vanamaalaa ki adhbut kahani - Full Story of bhaktimatee vanamaalaa (hindi)

[Bhakt Charitra - Bhakt Katha/Kahani - Full Story] [bhaktimatee vanamaalaa]- Bhaktmaal


satee-saadhvee vanamaala ek bhakt naaree theen. unake vichaara-aachaar uchchakotike the, unaka jeevan poornaroopase tapomay aur mahaan thaa. ve bihaar praantake 'chhota naagapura' mandalamen ek thaanedaarake ghar paida huee theen, unaka parivaar atyant dharmanishth tha, ve svayan baalyaavasthaase hee eeshvar premamen vimugdh rahatee theen. yathaasamay unaka vivaah kar diya gayaa. pati nayee roshaneemen shikshit tha, isaliye vanamaalaakee dharmabheeruta aur eeshvara-nishthaase vah bahut chidha़ta thaa; par saadhvee vanamaala use sada eeshvaronmukh karaneka prayatn karatee theen. jyon-jyon ve samajhaatee theen, tyon-tyon vah adhikaadhik pratikool hota jaata thaa. usane vanamaalaako sataana aarambh kiya, par vanamaalaane adbhut sahishnuta aur vilakshan patibhaktika parichay diyaa. unaka jeevan bhagavaan‌ke madhur tatha mangalamay chintanamen beetane lagaa.

unake patine apane kroor svabhaavaka ek din bahut buree tarah parichay diya, usane dhamakaate hue kahaa-'vipattike samay hee satyakee parakh hotee hai; kisee din tumhaare vipattimen pada़nepar dekhoonga ki eeshvar kis tarah sahaayata karate hain tatha apane bhaktonkee maana-pratishtha rakhate hain.' bhaktaka jeevan to alaukik chamatkaaron aur divy ghatanaaonkaaprateek hee hota hai. bhagavaanne vanamaalaakee bhaktiko praamaanik siddh karana chaaha, patikee chunauteeko saarthak karana chaahaa. usee din raatako vanamaalaake grihamen aag lag gayee. ve eeshvara-bhajanamen mast theen, unhen aaga-paaneekee chinta kis tarah sata sakatee thee, prabhu unake rakshak the. aag itanee bheeshan aur daarun thee ki dekhanevaale doorase tamaasha hee dekhate rah gaye, unaka saahas n hua ki ve aag bujhaayen. vanamaalaako bada़a shok hua ki bhagavat-vigrah aagamen jhulas n uthe; prabhuko kitana kasht hoga aur pati bhee taana maarenge. ve bhagavaan‌kee karunaakee raah dekhane lageen. bhagavaan bhaktakee pukaarapar pighal gaye. thoda़ee hee deramen jalavrishti aarambh huee, agni devata shaant hue. vanamaalaane poojaagharamen jaakar dekha ki sab kuchh svaaha ho chuka tha, par bhagavaan‌ke vigrah aur sinhaasanako aagakee lapaten chhootak n sakee theen. log is ghatanaase aashcharyachakit hokar vanamaalaakee saraahana karane lage, unakee jay bolane lage. is ghatanaaka unake patipar vishesh prabhaav pada़a, usaka hriday badal gayaa. usane kshama maangee, vah bhagavaanka poorn bhakt ho gayaa. dampatine bhagavaan‌ke bhajana-poojan aur chintanamen hee apane jeevanaka shesh samay laga diyaa.

186 Views

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav DevoteeWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]



Bhajan Lyrics View All

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला

New Bhajan Lyrics View All

रख नौकर अपने दर मईया,
तेरे नाम ए ज़िन्दगी कर जावा,
भाजे रे शंख भाज भाजे रे ढोल ताशे,
बरसे वरखा गुलाल की,
आते जाते कुछ ना कहो इसके सिवाय,
ओम नमो भगवते वासुदेवाय...
होली खेल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन
मथुरा की कुंज गलिन में गोकुल की कुंज
आ गया खाटू वाला,
वो आ गया खाटू वाला,