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Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 71

भगवद् गीता अध्याय 2 श्लोक 71

विहाय कामान्यः सर्वान्पुमांश्चरति निःस्पृहः।
निर्ममो निरहंकारः स शांतिमधिगच्छति।।2.71।।

हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 2.71)

।।2.71।।जो मनुष्य सम्पूर्ण कामनाओंका त्याग करके निर्मम निरहंकार और निःस्पृह होकर विचरता है वह शान्तिको प्राप्त होता है।

हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद

।।2.71।। जो पुरुष सब कामनाओं को त्यागकर स्पृहारहित? ममभाव रहित और निरहंकार हुआ विचरण करता है? वह शान्ति प्राप्त करता है।।