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How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundanand in June 2012

How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 1/6

How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 2/6

How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 3/6

How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda - 4/6

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How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda - 6/6

Contents of this list:

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कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।

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जयकारा जयकारा बोलो जयकारा,
श्याम धणी का बोलो जयकारा,
श्री राम लक्ष्मण दोनों किस हाल में
उन लाडलो के दर्शन साल में होंगे,
आँख में अंसुवन धार अब जग से गया मैं हार,
तू है मेरा आधार सुना तू बड़ा दयालु है,
रामा दल में सुलोचन आई,
मेरी अर्ज सुनो रघुराई॥
हो रही तेरी आरती, मिनावाड़ा की दशा माँ,
है जग जननी माँ कल्याणी, करे आरती भक्त