Bhajan Sandhya by Govind Bhargav ji at Nokodar and Gurgaon in june and july 2014
Contents of this list:
A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav DevoteeHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
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मैं सब को सुनाऊँगा, तेरे दर की यादें
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बीरा राखी का मान बढ़ा जा रे,
मेरा सर्वेश्वर मेरा है श्याम,
श्याम सिवा ना दूजा नाम,
बजरंगबली मेरी नाव चली,
मेरी नाव को पार लगा देना,
चोटी के ऊपर चोटी, चोटी पर गुफा है छोटी,
बैठी गुफा में माता रानी, जो नित करामात