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Bhagavad Gita Chapter 12 by Swami Mukundananda in Hindi in April 2015 [video 29 To 34]

Bhagavad Gita - Hindi Chapter 12 - Swami Mukundananda [29/34] Bhay ka kaaran aasakti

Bhagavad Gita - Chapter 12 - Swami Mukundananda [30/34] Bhakti mein karya kushalta

Bhagavad Gita - Chapter 12 - Swami Mukundananda [31/34] Bhakt shok nahi karta

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Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा

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भोले तेरी सूरत बसी है मेरे मन में,
भोले तेरी कावड़ बसी है मेरे मन में,
घबरा के दिल में मना कर दीनदयाल चल दिया,
रख के छाज में देखो अपना लाल चल दिया,
मेरा कान्हा ने पकड़ा हाथ अब डर काहे का,
मेरा कान्हा मेरे साथ अब डर काहे का...
वीर हनुमाना मैं तुमसे कहूं,
राम जी से कहना मैं लंका ना रहूं...
मेरे दातिया होली हम तेरे संग मनाए,
भगती दे रंग च रंगाए