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सालासर की नगरी में, बालाजी का ठिकाना है,
दिनरात खुशियों का, यहाँ बटता खजाना है...

सालासर की नगरी में, बालाजी का ठिकाना है,
दिनरात खुशियों का, यहाँ बटता खजाना है...


जीवन की पूरी यहाँ, हर आश होती है,
होती नही पल दो पल, दिनरात होती है,
बात नही दुनिया की, तीनो लोकों ने माना है,
सालासर की नगरी में, बालाजी का ठिकाना है...

आती है दुनिया यहाँ, अपने दुखड़े सुनाने को,
बालाजी बैठे यहाँ, सबकी बिगडी बनाने को,
दीनदुखियों को राहत मिले, ऐसा अंगना सुहाना है,
सालासर की नगरी में, बालाजी का ठिकाना है...

सबको बराबर का, यहाँ इंसाफ मिलता है,
कर्मो का फल भी यहाँ, हाथों हाथ मिलता है,
बालाजी के आगे कोई, नहीं चलता बहाना है,
सालासर की नगरी में, बालाजी का ठिकाना है...

सालासर की नगरी में, बालाजी का ठिकाना है,
दिनरात खुशियों का, यहाँ बटता खजाना है...




saalaasar ki nagari me, baalaaji ka thikaana hai,
dinaraat khushiyon ka, yahaan batata khajaana hai...

saalaasar ki nagari me, baalaaji ka thikaana hai,
dinaraat khushiyon ka, yahaan batata khajaana hai...


jeevan ki poori yahaan, har aash hoti hai,
hoti nahi pal do pal, dinaraat hoti hai,
baat nahi duniya ki, teeno lokon ne maana hai,
saalaasar ki nagari me, baalaaji ka thikaana hai...

aati hai duniya yahaan, apane dukhade sunaane ko,
baalaaji baithe yahaan, sabaki bigadi banaane ko,
deenadukhiyon ko raahat mile, aisa angana suhaana hai,
saalaasar ki nagari me, baalaaji ka thikaana hai...

sabako baraabar ka, yahaan insaaph milata hai,
karmo ka phal bhi yahaan, haathon haath milata hai,
baalaaji ke aage koi, nahi chalata bahaana hai,
saalaasar ki nagari me, baalaaji ka thikaana hai...

saalaasar ki nagari me, baalaaji ka thikaana hai,
dinaraat khushiyon ka, yahaan batata khajaana hai...




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