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बिन काज आज महाराज लाज गई मेरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...

बिन काज आज महाराज लाज गई मेरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...


दुशासन वंश कठोर महा दुखदाई,
कर पकड़त मेरो चीर लाज नहीं आई,
अब भयों धर्म को नाश पाप रहो छाई,
लखी आदम सभा की ओर नार विलखाई,
शकुनी दुर्योधन कर्ण खड़े खल घेरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...

तुम संतन को सुखदेत देवकीनंदन,
है महिमा अगम अपार भक्त उर चंदन,
तूने किया सिया दुख दूर शंभू धनु खंडन,
हे तारण मदन गोपाल मुनि मन रंजन,
करुणा निधान भगवान करी कहां देरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...

यहां बैठे महासमाज नीति सब खोई,
नहीं केहत  धर्म की बात सभा में कोई,
पांचो पति बैठे मोन कौन गति होई,
ले नंद नंदन को नाम द्रोपती रोई,
कर कर विलाप संताप सभा में टेरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...

बिन काज आज महाराज लाज गई मेरी,
दुख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी...




bin kaaj aaj mahaaraaj laaj gi meri,
dukh haro dvaaraka naath sharan mainteri...

bin kaaj aaj mahaaraaj laaj gi meri,
dukh haro dvaaraka naath sharan mainteri...


dushaasan vansh kthor maha dukhadaai,
kar pakadat mero cheer laaj nahi aai,
ab bhayon dharm ko naash paap raho chhaai,
lkhi aadam sbha ki or naar vilkhaai,
shakuni duryodhan karn khade khal gheri,
dukh haro dvaaraka naath sharan mainteri...

tum santan ko sukhadet devakeenandan,
hai mahima agam apaar bhakt ur chandan,
toone kiya siya dukh door shanbhoo dhanu khandan,
he taaran madan gopaal muni man ranjan,
karuna nidhaan bhagavaan kari kahaan deri,
dukh haro dvaaraka naath sharan mainteri...

yahaan baithe mahaasamaaj neeti sab khoi,
nahi kehat  dharm ki baat sbha me koi,
paancho pati baithe mon kaun gati hoi,
le nand nandan ko naam dropati roi,
kar kar vilaap santaap sbha me teri,
dukh haro dvaaraka naath sharan mainteri...

bin kaaj aaj mahaaraaj laaj gi meri,
dukh haro dvaaraka naath sharan mainteri...




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