Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

फागण का नज़ारा है,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ, श्याम बाबा ने पुकारा है

फागण का नज़ारा है,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ, श्याम बाबा ने पुकारा है


हमने सुना है फागण में मेला लगता है भारी,
दूर दूर तक है चर्चा मेले की महिमा न्यारी,
जो एक बर जाता है, आता तो है लेकिन दिल हार के आता है

लाखों लाखों निशान लिए, चलते है सब मतवारे,
सारे रस्ते गूँजते है, श्याम नाम के जय कारे,
सुन सुन के उछलता है, प्रेमी से मिलने को ये खुद भी मचलता है

राज उसे जब प्रेमी की यादें बहुत सताती है,
मोड़ता है रुख़ बादल का और फागण रुत आती है,
फागण के बहाने से, मन को सुकून मिले खाटु में जाने से

फागण का नज़ारा है,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ, श्याम बाबा ने पुकारा है




phaagan ka nazaara hai,
aayi hai khaatu se chitthiyaan, shyaam baaba ne pukaara hai

phaagan ka nazaara hai,
aayi hai khaatu se chitthiyaan, shyaam baaba ne pukaara hai


hamane suna hai phaagan me mela lagata hai bhaari,
door door tak hai charcha mele ki mahima nyaari,
jo ek bar jaata hai, aata to hai lekin dil haar ke aata hai

laakhon laakhon nishaan lie, chalate hai sab matavaare,
saare raste goonjate hai, shyaam naam ke jay kaare,
sun sun ke uchhalata hai, premi se milane ko ye khud bhi mchalata hai

raaj use jab premi ki yaaden bahut sataati hai,
modata hai rukah baadal ka aur phaagan rut aati hai,
phaagan ke bahaane se, man ko sukoon mile khaatu me jaane se

phaagan ka nazaara hai,
aayi hai khaatu se chitthiyaan, shyaam baaba ne pukaara hai




A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For GodThe Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON



Bhajan Lyrics View All

राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है

New Bhajan Lyrics View All

भोले बाबा के दर पे सारी दुनिया जाती है,
दुनिया जाती है, बाबा भोग लगाती है,
गणपति बप्पा तुम हो निराले,
विघ्न बाधा सबकी हरने वाले,
मेरे साईयां वे, मैं तेरी हो के नची आँ,
तेरी हो के नची आँ, मैं तेरी हो के नची आँ,
साडी झोंपड़ी च सतगुरू फेरा पा,
भावे थोड़ी देर लई आ ,
कर लेना तुम भजन राम का, भव से पार उतर
मोह माया के इस चक्कर से, पल में बाहर