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Shri Bhaktmal Katha by Shri Rajendra Das Ji Maharaj in May 2015 at Nagaur, Rajasthan

Nagaur, Rajasthan (24 May 2015) | Shri Bhaktmal Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

Nagaur, Rajasthan (25 May 2015) | Shri Bhaktmal Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

Nagaur, Rajasthan (28 May 2015) | Shri Bhaktmal Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

Nagaur, Rajasthan (29 May 2015) | Shri Bhaktmal Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

Nagaur, Rajasthan (30 May 2015) | Shri Bhaktmal Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With LoveThe Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God



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अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।

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कैसी तुम्हारी सवारी चूहा बड़े
बड़े उत्पाती चूहा बड़े उत्पाती,
माला री तेरा जपना कठिन है,
जपना कठिन है, तेरा भजना कठिन है,
चंदा की यारी ठाने रे कान्हा ना माने ना
राम नाम का बजाके डंका भगवा हम
ये है अयोध्या राम लाला की मंदिर भव्य
सावरे पिया मेरी रंग दो चुनरिया
राधा के पिया मेरी रंग दो चुनरिया