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Inner Awakening

Sadhu Stories by Swamiji - Two Men and a Prostitute

What is the soul of all definitions?

Sri Sri Ravi Shankar on CNN 's Quest for Spirituality

Swami Vivekananda Speech at Chicago - Welcome Address

OSHO: God Is Not a Solution - but a Problem

The Power of One - Part 3

OSHO: Meditations for Contemporary People

Inner Awakening - 21 Days Enlightenment Intensive in India

Inner Awakening Program Details

Swami Sukhabodhananda

The Power of One - Part 1

Experience the Cosmic Space - Technique & Meditation

"How do I recognize my Guru?" - Sadhguru

Power and Repose: Swami Vivekananda

Personal Excellence through Bhagavad Gita

Swami Vivekananda visits Southern California 1899

Inner Awakening Program - Dec 1-21, 2008

Contents of this list:

Inner Awakening
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What is the soul of all definitions?
Sri Sri Ravi Shankar on CNN 's Quest for Spirituality
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The Power of One - Part 3
OSHO: Meditations for Contemporary People
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Swami Sukhabodhananda
The Power of One - Part 1
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"How do I recognize my Guru?" - Sadhguru
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Inner Awakening Program - Dec 1-21, 2008

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फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए

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कान्हा को ढूंढती हूं रे मैं ब्रिज की
हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी
ज्ञान को सूरज है तू सारे जगत की आत्मा,
दर खुला जदों सच्ची सरकार दा,
फेर मन विच सोचा कि विचारदा,
सांवरिये तेरा मुझको,
दीदार हो जाए,
तेरी मतलब की दुनिया से,
मैं हिम्मत हार बैठा हूँ,