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Yoga Vasishtha

Yoga Vasishtha Audio Book (Hindi)

0003 Section 1, Chapter 1 Yoga Vasistha

Yoga Vasistha by Rishi Nityapragya (Hindi) : Part- 2

INTRODUCTION TO THE YOGA VASISTHA!

day 1 - shri yogavashistha maharamayan pratham vairagya prakarana

Yog Vashisht by Swami Shravananandji Part-64

Yog Vashisht by Swami Shravananandji Part-64

Yog Vashisht by Swami Shravananandji Part-87

Yoga Vasistha

Yoga Vasistha by Rishi Nityapragya: Part-1 (Hindi)

Contents of this list:

Yoga Vasishtha Audio Book (Hindi)
0003 Section 1, Chapter 1 Yoga Vasistha
Yoga Vasistha by Rishi Nityapragya (Hindi) : Part- 2
INTRODUCTION TO THE YOGA VASISTHA!
day 1 - shri yogavashistha maharamayan pratham vairagya prakarana
Yog Vashisht by Swami Shravananandji Part-64
Yog Vashisht by Swami Shravananandji Part-64
Yog Vashisht by Swami Shravananandji Part-87
Yoga Vasistha - Tuesday, May 21, 2013
Yoga Vasistha
Yoga Vasistha by Rishi Nityapragya: Part-1 (Hindi)

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जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है

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गोरा बात मेरी ले मान,
भांग घोट के मने पिला दे हो तेरा एहसान,
तू राधे, गोपाल बनू मैं
हर दम तेरे साथ रहूं मैं
कनखल नगरी फूलों की बरसात हो गई,
मेरी गौरा जी की शादी भोले से हो गई,
ले लो ले लो रे भोले जी का नाम,
मिठाई लाई पचरंगी,
जदू कृष्ण लेया अवतार,
कंबेया कंस दा दरबार,