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Shri Varmukhi Ji Charitra Bhaktmaal Katha By Shri Hita Ambrish ji at Maham, Rohtak, Haryanain January 2015

Shri Varmukhi ji Charitra Bhaktmaal Katha Part 1 By Shri Hita Ambrish ji in Maham, Rohtak, Haryana.

Shri Varmukhi ji Charitra Bhaktmaal Katha Part 2 By Shri Hita Ambrish ji in Maham, Rohtak, Haryana.

Shri Varmukhi ji Charitra Bhaktmaal Katha Part 3 By Shri Hita Ambrish ji in Maham, Rohtak, Haryana.

Shri Varmukhi ji Charitra Bhaktmaal Katha Part 4 By Shri Hita Ambrish ji in Maham, Rohtak, Haryana.

Shri Varmukhi ji Charitra Bhaktmaal Katha Part 5 By Shri Hita Ambrish ji in Maham, Rohtak, Haryana.

Shri Varmukhi ji Charitra Bhaktmaal Katha Part 6 By Shri Hita Ambrish ji in Maham, Rohtak, Haryana.

Shri Varmukhi ji Charitra Bhaktmaal Katha Part 7 By Shri Hita Ambrish ji in Maham, Rohtak, Haryana.

Shri Varmukhi ji Charitra Bhaktmaal Katha Part 8 By Shri Hita Ambrish ji in Maham, Rohtak, Haryana.

Contents of this list:

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इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।

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हम अपने नहीं, दुनिया से कहो,
दुनिया से कहो, हम तेरे नहीं,
मेरे सर पर चुनरी ज्ञान की,
चाहे दिन ओढ़ु या रात मैं सतगुरु की
सांवरे से कह दो जिया जाए ना तेरे बिना,
ये ज़िन्दगी तेरे नाम जिया जाये ना तेरे
जेहनूं याद गुरां दी आवे,
ओहनूं घर विच चैन ना आवे,
शामा जू सुनतीं है, दुखियों की कहानीं
जल्दी चल बरसानें, इन्तज़ार वो करती है,