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Swami Mukundanand

How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 1/6

How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 3/6

How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 2/6

How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 5/6

How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda - 6/6

Nilima Mehra interviews Swami Mukundananda

Contents of this list:

Narad Bhakti Darshan by Swami Mukundananda- Part 1
How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 1/6
How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 3/6
How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 2/6
How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda- 5/6
How to attain Para Bhakti (Divine ) by Swami Mukundananda - 6/6
Nilima Mehra interviews Swami Mukundananda
Narad Bhakti Darshan by Swami Mukundananda- Part 13

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मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,

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रंग दे कन्हैया मेरी लाल चुनरिया,
लाल चुनरिया मेरी लाल चुनरिया,
आपका वेलकम गुरु महाराज,
आपका स्वागत गुरु महाराज,
ये दुनिया वाले श्याम मुझे मार ना डाले,
एक बार मुझे लो थाम ओ खाटू वाले,
नैनन को नाए कसूर याद तेरी आवे रे
मेरे दिल को नाए कसूर याद तेरी आवे रे
सुरमा गुरुज्ञान वाला,
अखियों में ऐसा डाला,