Shreemad Bhagwat Katha by Shri Radhapriya ji Maharaj In July,2015 At Kolkata
Contents of this list:
A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
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सुबह सुबह जब आँखें खोलो,
प्रेम से बोलो बस एक नाम,
कार्तिक ग्यारस जन्मे श्याम,
सबको आज बधाई है,
जन्म लियो मेरे रघुराई, अवधपुरी में
बन आये महादेव बैरागी, बैरागी रे
. माथे का मुकुट उनके मन ही ना भावे,
भाव बिन मिले नहीं भगवान,
भाव के भूखे हैं भगवान,