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Lakhimpur-Kheri, U.P | 25th Sept - 1st Oct 2014 | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

Lakhimpur-Kheri, U.P (25 September 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

Lakhimpur-Kheri, U.P (26 September 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

Lakhimpur-Kheri, U.P (27 September 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

Lakhimpur-Kheri, U.P (1 October 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

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Lakhimpur-Kheri, U.P (25 September 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj
Lakhimpur-Kheri, U.P (26 September 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj
Lakhimpur-Kheri, U.P (27 September 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj
Lakhimpur-Kheri, U.P (28 September 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj
Lakhimpur-Kheri, U.P (29 September 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj
Lakhimpur-Kheri, U.P (30 September 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj
Lakhimpur-Kheri, U.P (1 October 2014) | Shrimad Gau Bhagwat Katha | Shri Rajendra Das Ji Maharaj

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बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥

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मैया वैष्णो के धाम हम आज जाएँ,
माला दीपों की जाकर सजाएं,
शिव शिव महादेवा
बैठ नजदीक तूं सांवरे के,
तार से तार जुड़ने लगेगा,
प्रेम का धागा तुझको कान्हा आई हूँ मन
बीरा राखी का मान बढ़ा जा रे,
शिवरात्री की महिमा अपार,
पूजा शिव की करो,