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Bhaktmal katha

Bhaktmal Katha (Ayodya) Maluk Pithadhishvar Swami Shri Rajendra Das Ji Maharaj - Parvachan Mala

Bhaktmal Katha BY Maluk Pithadhishvar Swami Shri Rajendra Das Ji Maharaj - Parvachan Mala

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 05

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Bhaktmal Katha (Ayodya) Maluk Pithadhishvar Swami Shri Rajendra Das Ji Maharaj - Parvachan Mala
Bhaktmal Katha BY Maluk Pithadhishvar Swami Shri Rajendra Das Ji Maharaj - Parvachan Mala
SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 05
Maluk Pithadhishvar Swami Shri Rajendra Das Ji Maharaj- Shri Gau Bhaktmaal Katha Orchha
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सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार

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विनती सुनो गणराजा आज मेरी महफिल में आ
महफिल में आना मेरी महफिल में आना,
आओ आओ जी सोणा दर्शन पाओ,
जयकारा तुसी लाओ,
जय..जय.. जय..जय..
खाटू धाम... बाबा श्याम...
हे शिव पिता परमात्मा करते है तेरी
ज्ञान को सूरज है तू सारे जगत की आत्मा,
तू जप ले राधा राधा,
वृन्दावन के कण कण में,