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Bhagwat Katha By Shri Krishna chand Shastri Thakurji at Harigarh in 2012

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 1 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 2 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 3 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 4 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 5 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 6 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 7 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 8 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 9 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 11 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 12 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 13 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 14 of 15

HariGarh Bhagwat Katha By Sri Thakurji Part 15 of 15

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For GodHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain



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सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो

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गजब कर गई हाय ब्रज की राधा...
महाराज गजानन आओ जी,
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