Download Bhagwad Gita 2.33 Download BG 2.33 as Image

⮪ BG 2.32 Bhagwad Gita Brahma Vaishnava Sampradaya BG 2.34⮫

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 33

भगवद् गीता अध्याय 2 श्लोक 33

अथ चैत्त्वमिमं धर्म्यं संग्रामं न करिष्यसि।
ततः स्वधर्मं कीर्तिं च हित्वा पापमवाप्स्यसि।।2.33।।

हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद

।।2.33।। और यदि तुम इस धर्मयुद्ध को स्वीकार नहीं करोगे? तो स्वधर्म और कीर्ति को खोकर पाप को प्राप्त करोगे।।

Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary

There is no commentary for this verse.