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Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 68

भगवद् गीता अध्याय 18 श्लोक 68

य इमं परमं गुह्यं मद्भक्तेष्वभिधास्यति।
भक्ितं मयि परां कृत्वा मामेवैष्यत्यसंशयः।।18.68।।

हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 18.68)

।।18.68।।मेरेमें पराभक्ति करके जो इस परम गोपनीय संवाद(गीताग्रन्थ) को मेरे भक्तोंमें कहेगा? वह मुझे ही प्राप्त होगा -- इसमें कोई सन्देह नहीं है।

हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद

।।18.68।। जो पुरुष मुझसे परम प्रेम (परा भक्ति) करके इस परम गुह्य ज्ञान का उपदेश मेरे भक्तों को देता है? वह निसन्देह मुझे ही प्राप्त होता है।।