Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 51 भगवद् गीता अध्याय 2 श्लोक 51 कर्मजं बुद्धियुक्ता हि फलं त्यक्त्वा मनीषिणः। जन्मबन्धविनिर्मुक्ताः पदं गच्छन्त्यनामयम्।।2.51।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 2.51) ।।2.51।।समतायुक्त मनीषी साधक कर्मजन्य फलका त्याग करके जन्मरूप बन्धनसे मुक्त होकर निर्विकार पदको प्राप्त हो जाते हैं। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।2.51।। बुद्धियोग युक्त मनीषी लोग कर्मजन्य फलों को त्यागकर जन्मरूप बन्धन से मुक्त हुये अनामय अर्थात् निर्दोष पद को प्राप्त होते हैं।।