Bhagavad Gita Chapter 17 Verse 22 भगवद् गीता अध्याय 17 श्लोक 22 अदेशकाले यद्दानमपात्रेभ्यश्च दीयते। असत्कृतमवज्ञातं तत्तामसमुदाहृतम्।।17.22।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।17.22।। जो दान बिना सत्कार किये? अथवा तिरस्कारपूर्वक? अयोग्य देशकाल में? कुपात्रों के लिए दिया जाता है? वह दान तामस माना गया है।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary