Bhagavad Gita Chapter 16 Verse 19 भगवद् गीता अध्याय 16 श्लोक 19 तानहं द्विषतः क्रूरान्संसारेषु नराधमान्। क्षिपाम्यजस्रमशुभानासुरीष्वेव योनिषु।।16.19।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 16.19) ।।16.19।।उन द्वेष करनेवाले? क्रूर स्वभाववाले और संसारमें महान् नीच? अपवित्र मनुष्योंको मैं बारबार आसुरी योनियोंमें गिराता ही रहता हूँ। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।16.19।। ऐसे उन द्वेष करने वाले? क्रूरकर्मी और नराधमों को मैं संसार में बारम्बार (अजस्रम्) आसुरी योनियों में ही गिराता हूँ अर्थात् उत्पन्न करता हूँ।।