Bhagavad Gita Chapter 15 Verse 1 भगवद् गीता अध्याय 15 श्लोक 1 श्री भगवानुवाच ऊर्ध्वमूलमधःशाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम्। छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित्।।15.1।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 15.1) ।।15.1।।(टिप्पणी प0 741) श्रीभगवान् बोले -- ऊपरकी ओर मूलवाले तथा नीचेकी ओर शाखावाले जिस संसाररूप अश्वत्थवृक्षको अव्यय कहते हैं और वेद जिसके पत्ते हैं? उस संसारवृक्षको जो जानता है? वह सम्पूर्ण वेदोंको जाननेवाला है। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।15.1।। श्री भगवान् ने कहा -- (ज्ञानी पुरुष इस संसार वृक्ष को) ऊर्ध्वमूल और अधशाखा वाला अश्वत्थ और अव्यय कहते हैं जिसके पर्ण छन्द अर्थात् वेद हैं? ऐसे (संसार वृक्ष) को जो जानता है? वह वेदवित् है।।