Bhagavad Gita Chapter 10 Verse 22 भगवद् गीता अध्याय 10 श्लोक 22 वेदानां सामवेदोऽस्मि देवानामस्मि वासवः। इन्द्रियाणां मनश्चास्मि भूतानामस्मि चेतना।।10.22।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 10.22) ।।10.22।।मैं वेदोंमें सामवेद हूँ? देवताओंमें इन्द्र हूँ? इन्द्रियोंमें मन हूँ और प्राणियोंकी चेतना हूँ। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।10.22।। मैं वेदों में सामवेद हूँ? देवों में वासव (इन्द्र) हूँ मैं इन्द्रियों में मन और भूतप्राणियों में चेतना (ज्ञानशक्ति) हूँ।।