Bhagavad Gita Chapter 1 Verse 18 भगवद् गीता अध्याय 1 श्लोक 18 द्रुपदो द्रौपदेयाश्च सर्वशः पृथिवीपते। सौभद्रश्च महाबाहुः शङ्खान्दध्मुः पृथक्पृथक्।।1.18।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 1.18) ।।1.17 1.18।।हे राजन् श्रेष्ठ धनुषवाले काशिराज और महारथी शिखण्डी तथा धृष्टद्युम्न एवं राजा विराट और अजेय सात्यकि? राजा द्रुपद और द्रौपदीके पाँचों पुत्र तथा लम्बीलम्बी भुजाओंवाले सुभद्रापुत्र अभिमन्यु इन सभीने सब ओरसे अलगअलग (अपनेअपने) शंख बजाये। Shri Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.