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Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi] in June, 2013 [video 8 To 14]

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 8/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 9/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 10/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 11/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 12/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 13/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 14/

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For GodWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love



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कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया

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थांसु विनती करा हां बारंबार, सुनो जी
खाटु का राजा मेहर करो॥
सीता माता के हम लाल, लवकुश है नाम हमारा,
लवकुश है नाम हमारा, लवकुश है नाम हमारा,
आओ हम यहोवाह के लिए,
ऊँचे स्वर से गए,
ना झटको शीश से गंगा हमारी गौरा भीग
श्याम कैसी तुम्हारी नगरिया,
लोग पैदल चले आ रहे है॥