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Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi] in June, 2013 [video 1 To 7]

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 1/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 2/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 3/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 4/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 5/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 6/

Taittiriya Upanishad by Swami Mukundananda [Hindi]-Part 7/

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15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of BhaktiWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy PeopleKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti



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तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला

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मैं तो हर रोज़ प्रभु गुण गाया करूँ,
मैं तो हर रोज़ हरि गुण गाया करूँ
शिव शम्भू भोलेनाथ का डमरू है बाजता,
डमरू की धुन पे भोला शिव शंकर है नाचता...
मुझे बेटा कहके बुलाना पड़ेगा,
जब जब पुकारू बाबा,
शिप्रा के तट भोले, नाँचे छमा छम,
उज्जैन नगरी भी बोले बमा बम,
॥दोहा॥
जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि