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Bhagavad Gita Chapter 12 by Swami Mukundananda in Hindi in April 2015 [video 15 To 21]

Bhagavad Gita in Hindi Chapter 12 - Swami Mukundananda [15/34] - Bhagwan ka anand kaise milega?

Bhagavad Gita in Hindi Chapter 12 - Swami Mukundananda [16/34] - Bhakti mein mann ka mahatwa

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Bhagavad Gita in Hindi Chapter 12 - Swami Mukundananda [21/34] - Abhyas se mann pe kabu

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कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया

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हमने जग की अजब तस्वीर देखी,
एक हँसता है दस रोते हैं,
गोविंद कहूं गोपाला तोहै कहूं नंद को
तेरे कितने नाम कन्हैया तुझे कहते
राम मैं तो जब से शरण तेरी आया,
आनंद आनंद आनंद मैंने पाया,
मेरे सर पे सदा तेरा हाथ रहे,
शेरावाली तू हमेशा मेरे साथ रहे,
संगता नू मस्त बनावे दर्शन सतगुरु दा,
साडे मन नु भावे दर्शन सतगुरु दा...