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Nani bai mayro by murlidhar ji maharaj

Churu, Rajasthan (13 January 2015) | Nani Bai Ro Mayro | Shri Murlidhar Ji Maharaj

Churu, Rajasthan (14 January 2015) | Nani Bai Ro Mayro | Shri Murlidhar Ji Maharaj

Churu, Rajasthan (15 January 2015) | Nani Bai Ro Mayro | Shri Murlidhar Ji Maharaj

Churu, Rajasthan (16 January 2015) | Nani Bai Ro Mayro | Shri Murlidhar Ji Maharaj

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Churu, Rajasthan (13 January 2015) | Nani Bai Ro Mayro | Shri Murlidhar Ji Maharaj
Churu, Rajasthan (14 January 2015) | Nani Bai Ro Mayro | Shri Murlidhar Ji Maharaj
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Churu, Rajasthan (16 January 2015) | Nani Bai Ro Mayro | Shri Murlidhar Ji Maharaj

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मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं

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हम तेरे नादान से बालक,
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जद जद चानण ग्यारस आवै,
खाटू में मेलो भर जावै,
इन्हीं नैनों में, इन्हीं नैनों में,
इन्हीं नैनों में छुपा होगा कन्हैया
ओ बाबा खाटू वाले,
मुझको तू दर पे बुला ले,
दीवानों के रेले में ,
सावन के ये मेले मे,