Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha by Shree Hita Ambrish ji at New Delhi in September 2015
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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy PeopleWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने॥
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
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छठ घाट चलो चलें,
वहां अद्भुत है नजारा,
सावन की बरसे बदरिया शिव की भीगे
भीगे कावड़िया, शिव की भीगे कावड़िया...
तू देंदा रहे मेरे दातया मैं खावा तेरे
मैं खावा तेरे नाम दा, गुण गांवा तेरे
कन्हैया दौड़ो आयों रे,
सांवरिया दौड़ो आयो रे,
प्रभु जी काया की बन गई रेल,
रेल गाड़ी चलने वाली है,