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Shri bhagwat katha by Yadunathji katha-1

01 bhagwat katha by satish sharma

1 pushtimarg vachnamrut by drumil bava

Gopi Geet by Yadunathji Part 1

Shri bhagwat katha by Yadunathji katha-49/49

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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की

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नंदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे
मोरे स्यामल वरन के राम,
राम मोहे प्यारे लगें
गुरु जी बिना कोई काम न आवे,
कुल अभिमान मिटावे है
आ गया मैं दुनियादारी, सारी दाता छोड़
लेने आ जा हारावाले, आनंदपुर के मोड़
मेरे बिगड़े, बना दो काज़,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,